टीईटी 2017: सरकार निम्न बिंदुओं पर बैकफुट पर


टेट 2017 मे आज सुनवाई के दौरान परीक्षा नियामक प्राधिकारी बेहद दबाव में दिखीं,जिसमें निम्न विन्दुओं पर सरकार बैकफुट पर:-

1:- लाखों अभ्यर्थियों के द्वारा प्रश्नों की आपत्तियों पर निस्तारण हेतु चयनित कमेटी की प्रमाणित रिपोर्ट पर काउंटर।

2:- टेट की गाइडलाइन के अनुसार अनदेखे अवतरण के 15 प्रश्नों की जगह पर मात्र हिंदी में 5 प्रश्न और संस्कृत में 3 प्रश्न अर्थात 22 नम्बरों की हेराफेरी पर काउंटर।

3:-पूरे प्रश्न पत्र में लगभग 16 प्रश्न गलत है जिसमें या तो सभी विकल्प सही है या तो दो विकल्प इस पर भी काउंटर।

4:-प्रश्न पत्र में 4 आउट आफ सिलेबस प्रश्न पर काउंटर।

5:-टेट के मूल्यांकन हेतु उच्च स्तरीय समिति का चयन एवं उसकी कार्यवाही की रिपोर्ट जिसमे अभी तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी बहुत बुरी तरह फँसती नजर आ रही हैं, कमेटी की सूची भी काउंटर मे माँगी गई है।
इस तरह से टेट परीक्षा में सरकार की तानाशाही कोर्ट को प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दिया है और *नूतन ठाकुर* का आदेश भी कोर्ट को साफ साफ प्रतिबंधित कर रहा है ऐसे में अब मामला बहुत ही निर्णायक दौर में पहुंच चुका है जिसकी आधारशिला सीनियर अधिवक्ता *पंडित एस चंन्द्रा एवं सीनियर अधिवक्ता राजीव त्रिपाठी* रख चुके हैं कोर्ट के सामने उचित न्याय करने के लिए टेट को बचाते हुए नम्बर बढ़ाने का रास्ता साफ दिख रहा है यदि सरकार का दबाव बना रहा तो परीक्षा को बचाया जा सकता है बाकी कोर्ट यदि सरकार के दबाव में दिखी तो आर्डर की कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है लेकिन एक बात तो है कि कोर्ट ने सीधे निर्देश जारी किया है कि लिखित परीक्षा का आयोजन बिना फाईनल जजमेंट के नहीं होगा और जिस दिन कोर्ट चाहेगी उस दिन बेबसाइट खोलना पड़ेगा।कुल मिलाकर आर्डर आने की प्रतीक्षा करें और कल इलाहाबाद में पैरवी करने वाले दबाव बनाने का प्रयास करें ताकि वहाँ भी पासिंग मार्क को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करके सरकार के घमंड को कम किया जा सके।
https://drive.google.com/file/d/1jljMgoXp8sFXFl75uKBQuAUx1ekB9T4w/view?usp=drivesdk

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